Monday, March 11, 2013
p r prasnna: aaj Dharmavir shri SAMBHAJI RAJE maharajji ki puny...
p r prasnna: aaj Dharmavir shri SAMBHAJI RAJE maharajji ki puny...: आज धर्मवीर श्री संभाजी राजे की पुण्यतिथि किसको याद है !की संभाजी महाराज कोन थे, उनका कार्य क्या था,हम अपने इतिहास को उतना ही या...
Thursday, January 24, 2013
माननीय श्री नितीनजी गडकरी इन्होने कल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के पद से राजीनामा दिया कारण उनके चरित्र पे लोगो ने मिडीया के माध्यम से निराधार आरोप लगाये ये बात सभी को समज आ रही है ! जितने भी आरोप है इसमे कोई दम नही है पर मिडिया मे बार बार बताके एक माहोल बनाया गया, नितीनजी दुबारा अध्यक्ष बनाना तय था! भारतीय जनता पार्टी के इतिहास मे पहेली बार ऐसी परिस्थिती निर्माण हुवी कि अध्यक्ष पद के लिये चुनाव हो सकते है !मगर नितीनजी ने मेरे कारण पार्टी का नुकसान न हो इस लिये पीछे हट गये और श्री राजनाथसिंग जी का नाम अध्यक्ष पद के लिये दिया, और यहि एक असामान्य नेताकी पाहिचान है! दुख कि बात ये है कि माननीय अडवाणीजी इनकी भूमिका इस पुरे विषय मे सक्रिय राही है! आज पार्टी के इतिहास मी पाहेली बार इस विरोध कि परिस्थिती निर्माण हुवी है अगर कल पार्टी मे चुनाव होते तो गडकरी हि चुनाव जीत जाते मगर पार्टी खत्म हो जाती! और नितीनजी ने अपना नाम वापस लेकर अपनी पार्टी के प्रती श्रद्धा का परिचय दिया है ! और येही एक स्वयंसेवक कि पाहिचन है ! और इस लिये पार्टी का साधारण से साधारण कार्यकर्ता नितीनजी आपको सेलूट करता है ! इस को हि कह्ते है पार्टी विथ डिफरन्स !!!!
Wednesday, March 23, 2011
Monday, March 21, 2011
Friday, March 11, 2011
aaj Dharmavir shri SAMBHAJI RAJE maharajji ki punyatithi unko koti koti pranam
आज धर्मवीर श्री संभाजी राजे की पुण्यतिथि किसको याद है !की संभाजी महाराज कोन थे, उनका कार्य क्या था,हम अपने इतिहास को उतना ही याद रखना चाहते है जितने की हमें जरुरत है !मित्रो संभाजी महाराज उनिके पुत्र है !जिनके नाम पे इस देश में राजनीती होती है !हा छत्रपति शिवाजी महाराज के पाहिले पुत्र है !और यही उनकी पहिचान नहीं है ! इनकी अपनी एक अलग पहेचन है ! हिन्दू धर्मं के लिए प्राणो की आहुति देनेवाले पहिले धर्मवीर राजा थे ! औरंगजेब ने उनको जब बंदी बनाया तब उनके सामने शर्थ राखी की यदि संभाजी मुस्लिम धर्मं स्वीकार करेंगे तो उनको छोड़ दिया जायेंगा और उनका राज भी वापस दिया जायेंगा फिरभी उन्होंने मरना पसंद किया पर धर्मं का त्याग नहीं किया,औरंगजेब ने यातना के साथ उनको मारा , ये इतिहास हमें शायद याद नहीं है, या हम रखना नहीं चाहते ! आज देश में सत्ताके लिए आपने धर्मं को त्यागने वाले ये सत्ता के दलाल इन्हे श्री शामभाजी राजे कैसे याद रहे सकते है ! मित्रो आज हम आपने हिन्दू होने पे गर्व महसुस कर सकते है, इसकी वजह ही संभाजी राजे है ! उनका ये बलिदान है की हमें ये आवसर मिला की हम धर्मं के साथ देश मे जी सकते है ! चलो आज धर्मंवीर श्री संभाजी राजेजी के चरणो मे आपने श्रद्धा सुमन अर्पण करे, और धर्मवीर संभाजीराजे को याद करे और आपने आप मे हिन्दू होने का गर्व करे येही उनको सच्ची श्रधांजलि होगी.
आखरी सांस तक वो न झुका ! '
कटा सर पर वो न रुका !
वो वीर शिवा का छावा था !
आपनी ताकद से करा पहचान!
धर्मं के लिए दिया बलिदान '
वो वीर शिवा का छावा था !
ताज छुटा तक्थ छुटा !
छुटा सारा संसार उसका !
फिर भी जिये शान से /मौत भी स्वीकारी शानसे !
वो वीर शिवा का छावा था !
धर्मंवीर संभाजी राजा हमारा था !
प्रसन्ना !!!!!!!!
Saturday, February 26, 2011
Krantisurya swatantra vir Sawarkar yana vinamra Aabhiwadan
आज क्रांति सूर्य स्वतंत्र वीर विनायक दामोदर सावरकर इनकी पुण्यतिथि चलो इस अवसर पर उन्हें विनम्र आभिवादन करे !आज देश की राष्ट्रवादी जनता श्री सावरकरजी को देश में हुवे अंग्रेजो के खिलाप शसस्त्र क्रांतिका जनक मानती है! श्री सावरकरजी समग्र राष्ट्रवाद को मानते थे आपने भारत देश में जातिवाद नष्ट हो और पूरा देश जाती विरहित सिर्फ हिन्दू धर्मं मानाने वाला एक राष्ट्र बने ये उनका सपना था! श्री सावरकरजी सोचते थे की देशा में प्रस्तापिथ ये जाती वेवस्था आपने हिन्दू धर्मं को खंडित कर रही है !और हिन्दू जबतक बलशाली नहीं बनेंगे तब तक हमारा देश बलशाली नहीं बनसकता इस लिए आज़ादी के बाद सावरकरजी ने आनेको आन्दोलन किये जो जाती प्रथा के विरोध में थे!श्री सावरकरजी को धर्म के आधार पे देश का विभाजन मान्य नही था! उनकी सोच में ये भारत भूमि पुण्य भूमि है और इसे धर्मं के आधार पे बाटा नहीं जा सकता इसी कारण उन्होंने विभाजन का पुरजोर विरोध किया!मगर उस वक्त के नेतोने उन्हें धार्मिक ता बताकर सत्ता के लालच में खंडित भारतभूमि को देश करके स्वीकार किया! इस का परिणाम हम आज तक ६० साल से भुगत रहे है !श्री सावरकरजी का वाक्तिमत्व ये बहु आयामी था वो एक क्रांतिकरी थे, एक कवी, लेखक और समाज चल रही कुप्रथा का विरोध करने वाले एक समाज सुधारक थे!वो बहु आयामी वक्तित्व के एक युगपुरुष थे!हिन्दू धर्मं में श्रधा रखने वाले अखंड भारत के उपासक थे!उनके सम्पूर्ण जीवन कल में जीतनी यातना उन्होंने भोगी है उतनी इस देश के सम कालीन नेतोने नहीं भोगी होगी !
मित्रो उस समय शीर्ष नेतृत्व उनकी बात मांजता तो आज इस भारत देश का चित्र कुछ और होता! आज उनके पुण्य तिथि पे हमें यह मोका मिला है की हम श्री स्वतंत्र वीर विनायक दामोदर सावरकर जी को याद करे उनके चरणोंमे आपने श्रधा सुमन आर्पण करे और इस भारत देश में प्रखर राष्ट्रवाद का निर्माण करे और अखंड भारत देश का पुनह सपना साकार करने का प्रयास करे.
जय हिंद
Thursday, February 17, 2011
Samrudha Bharat Desh ka Lachar pradhanmantri Dr.Manmohansing
कल हमारे प्रधानमंत्री श्री मनमोहनसिंगजी ने पत्रकार परिषद् ली इस परिषद् में उन्होंने देश में घटित अनेक घटना जैसे भ्रष्टाचार,आतंकवाद,नक्षलवाद,पे अपना पक्ष रखने का प्रयास किया!यंहा समजनेवाली बात ये है की माननीय प्रधानमंत्रीजी ने सरकारका नहीं अपना याने मनमोहनसिंग का पक्ष रखा,क्या कहा !
१]मै ये नहीं कहेता की मैंने कोही गलती नहीं की,पर जितना मेरे बारे में प्रचार किया जरह है!मै उतना भी दोषी नहीं हु.
२]आघाडी की सारकार चलने के लिए भोतसी बातो पे कोम्प्रोमैज करना पड़ता है!मै मजबूर हूँ !
३]२जि स्पेक्ट्रम में घटा हुवा है ऐसा कहा जाता है वो डायरेक्ट घटा नहीं है!डायरेक्ट घटा तो वो है जो हम विविध प्रकार की सब्सिडी देते है उससे सरकारका पैसा कम होता है!
ये कुछ प्रमुख बाते है जो माननीय प्रधानमंत्रीजी ने कल कही है !सवाल ये है की क्या प्रधानमंत्री स्वयं को निर्दोष बताना चाहते है!प्रधानमंत्रीजी ऐसी क्या मज़बूरी है की इतने मजबूर होने के बावजूद आप पद पे बने रहेना चाहते है अगर आप अपने सहियोगी मंत्री योंके भ्रष्टाचार को सारकार चलने की मज़बूरी बताके छुपाना चाहते हो!अगर आप ने ऐसा कोही काम नहीं किया तो आप सब विषयोंको लोगो के सामने आने दो जिस पे भी आरोप लगरहे है वो जवाब देंगा आप आपने मज़बूरी का दुनिया के सामने क्यूँ प्रदर्शन कर रहे हो!आप २ जी, की तुलना देशमे बटने वाली सब्सिडी से करते हो सर आप भारत देश के एक मने हुंवे आर्थशास्त्री हो आप ये आछे तरह समजते हो की सब्सिडी ये एक वेवस्था है जो तय की जा सकती है वो समय के हसबसे कम जादा किजा सकती है!और आपने दोनों बातो में तुलना करके देशकी जनता को गुमराह करने की कोशिश की है!मोहदय, आप अपने आप को मासूम [इनोसंट ]बताकर बच सकते है मगर आपके नेतृत्व में चल रही UPA में शामिल भ्रष्ट मंत्रियों को कैसे बचओंगे!कल पुरे देश को पता चला की आप एक मजबूर प्रधानमंत्री हो आज तक लोग बोल रहे थे आपने आपकी प्रेस से साबित कर दिया की मजबूर ही नहीं लाचार भी हो!मोहदय आप अगर आछे हो तो आपको कुछ निर्णय लेना होगा और साबित करना होगा आप एक निर्णय लेने वाले इन्सान हो जो देश के सामने सब छोड़ सकता है!नहीं तो देश की जनता आपको भी भ्रष्टाचारी ही कहेगी करण आप सब कुछ जानकर अंजान बनरहे हो!
"आभी भी संभल जाओ देश की जनता सोई है वो जाग गई तो संभाल मुश्किल होगा"
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