Friday, March 11, 2011

aaj Dharmavir shri SAMBHAJI RAJE maharajji ki punyatithi unko koti koti pranam












आज धर्मवीर श्री संभाजी राजे की पुण्यतिथि किसको याद है !की संभाजी महाराज कोन थे, उनका कार्य क्या था,हम अपने इतिहास को उतना ही याद रखना चाहते है जितने की हमें जरुरत है !मित्रो संभाजी महाराज उनिके पुत्र है !जिनके नाम पे इस देश में राजनीती होती है !हा छत्रपति शिवाजी महाराज के पाहिले पुत्र है !और यही उनकी पहिचान नहीं है ! इनकी अपनी एक अलग पहेचन है !  हिन्दू धर्मं के लिए प्राणो की आहुति देनेवाले पहिले धर्मवीर राजा थे ! औरंगजेब ने उनको जब बंदी बनाया तब उनके सामने शर्थ राखी की यदि संभाजी मुस्लिम धर्मं स्वीकार करेंगे तो उनको छोड़ दिया जायेंगा और उनका राज भी वापस दिया जायेंगा फिरभी उन्होंने मरना पसंद किया पर  धर्मं का त्याग नहीं किया,औरंगजेब ने यातना के साथ उनको मारा , ये इतिहास हमें शायद याद नहीं है, या हम रखना नहीं चाहते ! आज देश में सत्ताके लिए आपने धर्मं को त्यागने वाले ये सत्ता के दलाल इन्हे  श्री शामभाजी राजे कैसे याद रहे सकते है ! मित्रो आज हम आपने हिन्दू होने पे गर्व महसुस कर सकते है, इसकी वजह ही संभाजी राजे है ! उनका ये बलिदान है की हमें ये आवसर मिला की हम  धर्मं के साथ देश मे जी सकते है  ! चलो आज धर्मंवीर श्री संभाजी राजेजी के चरणो मे आपने श्रद्धा  सुमन अर्पण करे, और धर्मवीर संभाजीराजे को याद करे और  आपने आप मे  हिन्दू होने का गर्व करे येही उनको सच्ची श्रधांजलि होगी.
               आखरी सांस तक वो न झुका ! '
               कटा सर पर वो न रुका !
               वो वीर शिवा का छावा था !
               आपनी ताकद से करा पहचान!
               धर्मं के लिए दिया बलिदान '
               वो वीर शिवा का छावा था !
               ताज छुटा तक्थ  छुटा !
               छुटा सारा संसार उसका !
               फिर भी जिये शान से /मौत भी स्वीकारी शानसे !
               वो वीर शिवा का छावा था !
               धर्मंवीर संभाजी राजा हमारा था !
                                                        प्रसन्ना !!!!!!!!

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